पं० अमित कुमार मिश्रा
पं० अमित कुमार मिश्रा

पंडित जी आर्य समाज पटना
विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, वेदारम्भ संस्कार, अंत्येष्टि, शांति यज्ञ, मुंडन, यज्ञोपवित्र अदि सोलहो संस्कार वैदिक रीती से करवाने के लिये संपर्क करें ।

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9153787736 / 6203154201 पंडित जी आर्य समाज पटना

Arya Samaj Marriage
Marriages can be solemnize in Arya Samaj Mandir. Pandit ji will perform the wedding with HAVAN & MANTRAS. marriage in India have vital & social acceptance.


Marriage Rules
आर्य समाज में विवाह हेतु आवश्यक दस्तावेज एवं जानकारी
1. वर-वधु दोनों के जन्म प्रमाण हेतु हाई स्कूल की अंकसूची या कोई शासकीय दस्तावेज तथा पहचान हेतु मतदाता परिचय पत्र या आधार कार्ड अथवा पासपोर्ट या अन्य कोई शासकीय दस्तावेज चाहिए। विवाह हेतु वर की अवस्था 21 वर्ष से अधिक तथा वधु की अवस्था 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
2. वर-वधु दोनों को निर्धारित प्रारूप में ट्रस्ट द्वारा नियुक्त नोटरी द्वारा सत्यापित शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। किसी अन्य नोटरी से सत्यापित शपथ पत्र स्वीकार नहीं किये जावेंगे।
3. वर-वधु दोनों की अलग-अलग पासपोर्ट साईज की 6-6 फोटो।
4. दोनों पक्षों से दो-दो मिलाकर कुल चार गवाह परिचय-पहचान पत्र सहित। गवाहों की अवस्था 21 वर्ष से अधिक हो तथा वे हिन्दू-जैन-बौद्ध या सिक्ख होने चाहिएं।
5. विधवा/विधुर होने की स्थिति में पति/पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्रतथा तलाकशुदा होने की स्थिति में तलाकनामा (डिक्री) आवश्यक है।
6. वर-वधु का परस्पर गोत्र अलग-अलग होना चाहिए तथा हिन्दू विवाह अधिनियम के अनुसार कोई निषिद्ध रिश्तेदारी नहीं होनी चाहिए।

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इसका नाम नरमेध, पुरुषमेध या पुरुषयाग भी है। यह मृत्यु के पीछे उसके शरीर पर किया जाता है। संसार में प्रचलित अन्य पद्धतियों में षवदाह की वैदिक पद्धति ही सर्वश्रेष्ठ पद्धति है।विश्वभर के लोग मरने पर मृतक शरीर को पृथ्वी, जल, अग्नि व वायु इन तत्वों में से किसी एक की भेंट कर देते हैं। जो लोग गाड़ते हैं वे पृथ्वी को, जो जल में प्रवाहित करते हैं वे जल को, जो षव को खुला छोड़ देते हैं वे वायु को प्रदूषित करते हैं।वैदिक पद्धति से शवदाह के कई लाभ हैं- मृत शरीर को जलाने से भूमि बहुत कम खर्च होती है। कब्रों से स्थान-स्थान पर बहुत सी भूमि घिर जाती है। शवदाह में पर्याप्त घृत-सामग्री के प्रयोग के कारण वायु प्रदूषण का भी निवारण हो जाता है। जबकि गाड़ने से वायु एवं भूमि प्रदूषित ही होती है। कभी कभी कुछ पषु मृत देह को उखाड़कर खा जाते हैं। और रोगी शरीर को खाने से वे स्वयं रोगी बनकर मनुष्यों में भी रोग फैलाते हैं। कभी कुछ कफनचोर कब्र को खोद कर कफन उतार लेते हैं। इस से मृतक के सम्बन्धियों के मनोभावों को ठेस पहुंचती है। संसार में लाखों बीघा जमीन कब्रस्तानों में व्यर्थ जा रही है। मृर्दों को जलाना शुरु करने से यह कृषि या मकान बनाने में काम आ सकती है। कब्रों को कुछ स्वार्थी एवं पाखंडी लोग दरगाह आदि बनाकर भेंट-पूजा, चढावा आदि के माध्यम से आय का साधन बनाकर अन्धश्रद्धालु भोली-भाली जनता को लूटते हैं। अनेक पतित लोग तन्त्र-मन्त्र के नाम पर मुर्दों को उखाड़कर उनके साथ कुकर्म करते देखे गए हैं।मृतक शव के पंचमहाभूतों को जल्दी से जल्दी सूक्ष्म करके अपने मूल रूप में पहुंचा देना ही वैदिक अन्त्येष्टि संस्कार है। अग्नि द्वारा दाह कर्म ही एक ऐसा साधन है जिससे मृतदेह के सभी तत्व षीघ्र ही अपने मूल रूप् में पहुंच जाते हैं।
Arya Samaj Marriage
पंडित जी अमित कुमार मिश्रा
Contact us to perform the following sixteen sanskars (sacraments) and other rituals in the Vedic tradition by the Vadic Scholar of Arya Samaj Mandir Patna:
Marriage (Love Marriage With legal Certificate (Vivah)
Housewarming (Griha Pravesh)
Naming ceremony (Namkaran)
Beginning of Vedic education (Vedaarambh Sanskar)
Funeral rites (Antyeshti)
Peace ritual (Shanti Yagna)
House purification (Griha Shuddhi)
We also perform birthday celebrations, wedding anniversaries, and more other Vadic sanskar By Arya Samaj.


PANDIT JI

AMIT KUMAR MISHRA
PANDIT JI ARYA SAMAJ
How Can Help You
.विवाह (प्रेम विवाह प्रमाण पत्र के साथ), गृह प्रवेश, नामकरण, वेदारम्भ संस्कार, अंत्येष्टि, शांति यज्ञ, गृह शुद्धि अदि सोलहो संस्कार एवं जन्म दिन, वैवाहिक वर्षगाठ इत्यादि वैदिक रीती से करवाने के लिये संपर्क करें /9153787736
ARYA SAMAJ MANDIR PATNA
विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, वेदारम्भ संस्कार, अंत्येष्टि, शांति यज्ञ, मुंडन, यज्ञोपवित्र अदि सोलहो संस्कार वैदिक रीती से करवाने के लिये संपर्क करें । आर्य समाज विवाह पण्डित जी द्वारा वैदिक मन्त्रों से हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार सम्पन्न कराया जाता है जिसमें पूजा हवन सप्तपदी हृदय स्पर्श ध्रुव-दर्शन सिन्दूर आशीर्वाद आदि रस्में करायी जाती हैं विवाह संस्कार के दौरान फोटो खीचें जाते हैं जो विवाह का दस्तावेजी साक्ष्य होता है विवाह सम्पन्न होने के पश्चात् मन्दिर की ओर से आर्य समाज विवाह प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है आर्य समाज द्वारा प्रदान किया गया विवाह प्रमाण पत्र एक विधिक पति पत्नी होने का साक्ष्य होता है
